मानव जनसंख्या वितरण, घनत्व और वृद्धि (JAC Class 12 Geography Notes): परिभाषा: जनसंख्या वितरण का अर्थ है पृथ्वी पर लोगों का वितरण। यह समान नहीं है; दुनिया की 90% आबादी लगभग 10% भूमि पर निवास करती है। महत्वपूर्ण तथ्य: 10 सबसे अधिक आबादी वाले देशों में से 6 एशिया में हैं, जो लगभग 60% वैश्विक जनसंख्या का योगदान करते हैं।
Textbook | NCERT |
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Class | Class 12 |
Subject | Geography (भूगोल ) |
Chapter | Chapter 2 |
Chapter Name | मानव जनसंख्या वितरण, घनत्व और वृद्धि |
Category | कक्षा 12 Geography नोट्स |
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Official Website | JAC Portal |
जनसंख्या वितरण का परिचय
जनसंख्या वितरण एक महत्वपूर्ण विषय है, जिसका अर्थ है पृथ्वी के विभिन्न हिस्सों में मानव जनसंख्या का वितरण। यह वितरण समान नहीं होता है; कुछ क्षेत्र अधिक जनसंख्या वाले होते हैं जबकि अन्य क्षेत्र विरल जनसंख्या वाले होते हैं। यह अध्ययन यह समझने में मदद करता है कि लोग कहां और क्यों बसते हैं।
आम तौर पर, यह देखा गया है कि विश्व की लगभग 90% जनसंख्या केवल 10% भूमि क्षेत्र में निवास करती है। यह प्रवृत्ति विशेष रूप से बड़े देशों, जैसे भारत, चीन और अमेरिका में देखी जा सकती है। ये देश वैश्विक जनसंख्या के लगभग 60% का योगदान करते हैं।
जनसंख्या वितरण के प्रमुख कारक
जनसंख्या वितरण को प्रभावित करने वाले कई कारक हैं, जिनमें भौगोलिक, सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक तत्व शामिल हैं।
भौगोलिक कारक
- जलवायु: जलवायु एक प्रमुख कारक है जो जनसंख्या वितरण को प्रभावित करता है। जैसे, अत्यधिक ठंडे या गर्म क्षेत्रों में जनसंख्या कम होती है।
- भूमि का स्वरूप: पर्वतीय और ऊबड़-खाबड़ क्षेत्रों में जनसंख्या कम होती है जबकि मैदानी क्षेत्रों में अधिक होती है। नदी घाटियों, जैसे गंगा और ब्रह्मपुत्र, में अधिक जनसंख्या बसी हुई है।
सामाजिक और सांस्कृतिक कारक
- धार्मिक कारक: धार्मिक कारणों से लोग एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाते हैं। उदाहरण के लिए, कुछ समुदाय धार्मिक स्थलों के निकट निवास करना पसंद करते हैं।
- संस्कृति: सांस्कृतिक गतिविधियाँ और परंपराएं भी जनसंख्या के वितरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
आर्थिक कारक
- नगरीकरण: औद्योगिककरण और नगरीकरण से जनसंख्या का घनत्व बढ़ता है। लोग बेहतर रोजगार के अवसरों के लिए शहरी क्षेत्रों की ओर प्रवास करते हैं।
- संवहन का विकास: परिवहन के साधनों के विकास से दूर-दूर के क्षेत्रों में जनसंख्या का वितरण संभव हो जाता है।
जनसंख्या घनत्व
जनसंख्या घनत्व का परिचय
जनसंख्या घनत्व किसी क्षेत्र में निवास करने वाले व्यक्तियों की औसत संख्या को दर्शाता है। इसे प्रति इकाई क्षेत्रफल में व्यक्त किया जाता है। यह जनसंख्या घनत्व किसी स्थान की जनसंख्या और उसके क्षेत्रफल के अनुपात से मापा जाता है।
गणना
जनसंख्या घनत्व की गणना निम्नलिखित सूत्र द्वारा की जाती है:
[ \text{जनसंख्या घनत्व} = \frac{\text{कुल जनसंख्या}}{\text{कुल क्षेत्रफल}} ]
उदाहरण के लिए, यदि किसी देश की जनसंख्या 1,000,000 है और क्षेत्रफल 10,000 वर्ग किलोमीटर है, तो वहां का जनसंख्या घनत्व 100 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर होगा।
घनत्व की श्रेणियाँ
- घनी आबादी वाले क्षेत्र: वे क्षेत्र जिनकी जनसंख्या 200 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर से अधिक होती है।
- विरल आबादी वाले क्षेत्र: ऐसे क्षेत्र जहां जनसंख्या घनत्व 50 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर से कम होता है।
जनसंख्या वृद्धि दर
जनसंख्या वृद्धि का अर्थ
जनसंख्या वृद्धि दर किसी क्षेत्र में निर्धारित समयावधि में जनसंख्या में होने वाले परिवर्तनों को दर्शाती है। इसे आमतौर पर प्रतिशत में व्यक्त किया जाता है। जनसंख्या वृद्धि दो मुख्य कारकों पर निर्भर करती है: जन्म दर और मृत्यु दर।
वृद्धि दर के प्रकार
- धनात्मक वृद्धि दर: जब जन्म दर, मृत्यु दर से अधिक होती है। इसका अर्थ है कि जनसंख्या बढ़ रही है।
- ऋणात्मक वृद्धि दर: जब जन्म दर, मृत्यु दर से कम होती है। इसका अर्थ है कि जनसंख्या घट रही है।
वृद्धि दर की गणना
जनसंख्या की वास्तविक वृद्धि की गणना निम्नलिखित सूत्र द्वारा की जा सकती है:
[ \text{वास्तविक वृद्धि} = (\text{जन्म} – \text{मृत्यु}) + (\text{आप्रवास} – \text{उत्प्रवास}) ]
माल्थस सिद्धांत
थामस माल्थस के अनुसार, जनसंख्या वृद्धि खाद्य आपूर्ति की तुलना में तेजी से होती है। उनका मानना था कि यदि जनसंख्या वृद्धि को नियंत्रित नहीं किया गया, तो इसका परिणाम अकाल, युद्ध और रोग के रूप में सामने आएगा।
जनसंख्या परिवर्तन के घटक
जन्मदर
- परिभाषा: प्रति हजार स्त्रियों द्वारा जन्म लिए गए जीवित बच्चों की संख्या को जन्मदर कहा जाता है।
मृत्युदर
- परिभाषा: जनसंख्या में घटने वाली मौतों की संख्या को दर्शाती है।
प्रवासन
- प्रवासन: जनसंख्या में परिवर्तन लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। प्रवास स्थायी और मौसमी दोनों हो सकता है।
प्रवास के कारण
प्रवासन को प्रभावित करने वाले कारक दो श्रेणियों में विभाजित किए जा सकते हैं:
अपकर्ष कारक
ये गंतव्य स्थान को उद्गम स्थान की तुलना में अधिक आकर्षक बनाते हैं:
- बेहतर काम के अवसर
- शांति और स्थायित्व
- अनुकूल जलवायु
प्रतिकर्ष कारक
ये उद्गम स्थान को छोड़ने के लिए प्रेरित करते हैं:
- रहन-सहन की खराब स्थितियाँ
- राजनीतिक अशांति
- प्राकृतिक विपदाएँ
जनसंख्या वृद्धि की समस्याएँ
जनसंख्या की वृद्धि से अनेक समस्याएँ उत्पन्न होती हैं:
- संसाधनों पर दबाव: जनसंख्या वृद्धि के कारण प्राकृतिक संसाधनों पर अत्यधिक बोझ पड़ता है।
- भोजन की समस्या: अधिक जनसंख्या के कारण खाद्य पदार्थों की कमी होती है।
- आवास की समस्या: जनसंख्या वृद्धि के कारण आवास की कमी होती है।
- बेरोजगारी: अधिक जनसंख्या के कारण रोजगार के अवसर सीमित हो जाते हैं।
जनांकिकीय संक्रमण
सिद्धांत का अर्थ
जनांकिकीय संक्रमण सिद्धांत जनसंख्या के विकास और बदलाव को समझने में मदद करता है। जैसे-जैसे कोई समाज विकसित होता है, उसके जन्म और मृत्यु दर में परिवर्तन आता है।
अवस्थाएँ
- प्रथम अवस्था: उच्च जन्मदर और उच्च मृत्यु दर। जनसंख्या वृद्धि धीमी होती है।
- द्वितीय अवस्था: प्रारंभ में उच्च जन्मदर, लेकिन मृत्युदर में कमी। जनसंख्या तेजी से बढ़ती है।
- तृतीय अवस्था: जन्म और मृत्यु दर दोनों कम होती हैं। जनसंख्या स्थिर या कम वृद्धि होती है।
निष्कर्ष
इस अध्याय में हमने मानव जनसंख्या के वितरण, घनत्व, वृद्धि दर, और प्रवास के कारणों का अध्ययन किया। यह समझना आवश्यक है कि जनसंख्या वृद्धि केवल सांस्कृतिक और सामाजिक कारकों से नहीं, बल्कि भौगोलिक और आर्थिक कारकों से भी प्रभावित होती है। जनसंख्या के वितरण का अध्ययन न केवल हमें मानव जीवन के पहलुओं को समझने में मदद करता है, बल्कि यह हमारे भविष्य के लिए आवश्यक योजनाओं के निर्माण में भी सहायक होता है।
इस प्रकार, जनसंख्या वितरण, घनत्व, और वृद्धि का अध्ययन हमारे लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, जिससे हम अपने समाज और पर्यावरण के बीच के संबंध को समझ सकें और भविष्य में उचित नीति निर्धारण कर सकें।