Home / JAC 12th Class Notes / Class 12 Home Science Notes / कार्य, आजीविका तथा जीविका – JAC Class 12 Home Science Chapter 1 Notes

कार्य, आजीविका तथा जीविका – JAC Class 12 Home Science Chapter 1 Notes

Last updated:
WhatsApp Channel Join Now
Telegram Channel Join Now

कार्य, आजीविका तथा जीविका (Home Science Class 12 Notes):  कक्षा 12 के गृह विज्ञान के पहले अध्याय का शीर्षक “कार्य, आजीविका तथा जीविका” है। इस अध्याय में हम कार्य, आजीविका और जीविका के विभिन्न पहलुओं को समझेंगे, साथ ही इनसे जुड़े सामाजिक, आर्थिक और व्यक्तिगत महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करेंगे। यह अध्ययन न केवल छात्रों को जीवन के महत्वपूर्ण पहलुओं के प्रति जागरूक करेगा, बल्कि उन्हें अपने भविष्य की योजना बनाने में भी सहायता करेगा।

TextbookNCERT
ClassClass 12 Notes
SubjectHome Science (गृह विज्ञान)
ChapterChapter 1
Chapter Nameकार्य, आजीविका तथा जीविका
Categoryकक्षा 12 Home Science नोट्स
Join our WhatsApp & Telegram channel to get instant updates Join WhatsApp &
Telegram Channel
Official WebsiteJAC Portal
कार्य, आजीविका तथा जीविका – JAC Class 12 Home Science Chapter 1 Notes

कार्य की परिभाषा

कार्य का अर्थ है वह गतिविधियाँ जो किसी निश्चित उद्देश्य की पूर्ति के लिए की जाती हैं। कार्य से व्यक्तियों के बीच संबंध स्थापित होते हैं और यह उनके व्यक्तित्व का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनता है। किसी भी कार्य को करने के लिए व्यक्ति के पास आवश्यक कौशल और प्रतिभाएँ होनी चाहिए।

कार्य के उद्देश्य

  1. धन अर्जित करना:
    अधिकांश लोग धन कमाने के उद्देश्य से कार्य करते हैं ताकि वे अपने परिवार की आवश्यकताओं को पूरा कर सकें। जैसे कि भोजन, कपड़ा, शिक्षा आदि।
  2. आत्मनिर्भरता:
    कार्य के माध्यम से व्यक्ति समाज में अपनी पहचान बनाता है और आत्मनिर्भर बनता है। एक सफल कार्य व्यक्ति को व्यक्तिगत और सामाजिक स्तर पर विकसित करने में मदद करता है।
  3. कर्त्तव्य का पालन:
    सभी कार्य का उद्देश्य केवल धन कमाना नहीं होता, बल्कि कई कार्य अपने कर्तव्य के रूप में भी किए जाते हैं। जैसे कि माता-पिता का योगदान, जो घर के सभी कार्यों को संभालते हैं।

अर्थपूर्ण कार्य

एक अर्थपूर्ण कार्य वह होता है जो समाज के लिए उपयोगी हो और जिसे पूरी जिम्मेदारी के साथ किया जाए। इसमें व्यक्ति को मानसिक संतोष और आनंद प्राप्त होता है। अर्थपूर्ण कार्यों में न केवल आर्थिक लाभ होता है, बल्कि ये व्यक्तिगत विकास के लिए भी महत्वपूर्ण होते हैं।

नौकरी और जीविका

नौकरी

नौकरी ऐसी गतिविधियाँ हैं जो किसी संगठन या कंपनी के लिए काम करने के उद्देश्य से की जाती हैं। नौकरी में व्यक्ति को नियमित रूप से ऑफिस जाना पड़ता है और उसे अपने मालिक के लक्ष्यों को पूरा करने की जिम्मेदारी होती है।

Also Read:  बच्चों, युवाओं और वृद्धजनों के लिए सहायक सेवाओं, संस्थानों और कार्यक्रमों का प्रबंधन – JAC Class 12 Home Science Chapter 10 Notes

जीविका

जीविका का मतलब है वह व्यवसाय जिससे कोई व्यक्ति अपनी आवश्यकताओं को पूरा करता है और अपनी जीवनशैली बनाए रखता है। जीविका का चुनाव व्यक्ति की पसंद और रुचियों पर निर्भर करता है।

नौकरी और कैरियर में अंतर

  1. सपने और लक्ष्य:
    करियर व्यक्ति के अपने सपनों को पूरा करने का माध्यम है, जबकि नौकरी में व्यक्ति अपने मालिक के सपनों को पूरा करता है।
  2. कार्यस्थल:
    नौकरी के लिए व्यक्ति को नियमित रूप से ऑफिस जाना पड़ता है, जबकि करियर में यह आवश्यकता नहीं होती।
  3. जोखिम और जिम्मेदारी:
    नौकरी में किसी भी प्रकार के नुकसान का जिम्मेदार व्यक्ति होता है, जबकि करियर में ऐसा नहीं होता।
  4. तनाव:
    नौकरी में केवल कंपनी के लक्ष्यों को प्राप्त करना होता है, जबकि करियर में व्यक्ति को स्वयं की जिम्मेदारी उठानी पड़ती है।

भारत में परंपरागत व्यवसाय

भारत में कई परंपरागत व्यवसाय हैं, जो न केवल आर्थिक विकास में योगदान करते हैं, बल्कि सांस्कृतिक धरोहर को भी संजोकर रखते हैं।

कृषि

भारत की अधिकांश जनसंख्या कृषि पर निर्भर है। कृषि का महत्व भारतीय संस्कृति में गहरा है। लगभग 70% लोग ग्रामीण क्षेत्रों में रहते हैं और कृषि ही उनका मुख्य व्यवसाय है।

  • नकदी फसलें: जैसे फल, सब्जियां, दालें, आदि।
  • आर्थिक महत्व वाली फसलें: जैसे चाय, कॉफी, रबड़ आदि।
  • भारत विश्व में काजू, नारियल, अदरक, काली मिर्च, और हल्दी का सबसे बड़ा उत्पादक देश है।

हस्तशिल्प

भारतीय हस्तशिल्प का विशेष महत्व है। इसके अंतर्गत विभिन्न प्रकार की शिल्प कला जैसे आभूषण बनाना, मिट्टी के बर्तन बनाना, बुनाई, रंगाई, मूर्तिकला आदि शामिल हैं। इन हस्तशिल्प उत्पादों की मांग न केवल भारत में बल्कि विदेशों में भी है।

बुनाई

भारत बुनाई कला के लिए प्रसिद्ध है। विभिन्न राज्यों के कपड़े अपनी विशेषता के लिए जाने जाते हैं। ग्रामीण स्तर पर बुनाई एक प्रमुख कुटीर उद्योग है। हाथ से बुने भारतीय वस्त्रों की विदेशों में बड़ी मांग है।

वास्तुकला

भारत की वास्तुकला हजारों वर्षों से समृद्ध रही है। विभिन्न धार्मिक और सांस्कृतिक प्रभावों से प्रभावित, भारत में वास्तुकला की कई शैलियाँ देखी जा सकती हैं। जैसे इस्लाम, सिख धर्म, जैन धर्म, ईसाई धर्म, और हिंदू धर्म।

Also Read:  विशेष शिक्षा और सहायक सेवाएँ – JAC Class 12 Home Science Chapter 9 Notes

भारतीय मसाले

भारत मसालों का बड़ा उत्पादक और निर्यातक रहा है। यहाँ के विभिन्न मसालों की हर जगह मांग है। इसके कारण कई जीविका के अवसर उपलब्ध होते हैं।

कार्य, आयु और जेंडर

लिंग और जेंडर

लिंग और जेंडर को अक्सर एक ही अर्थ में प्रयोग किया जाता है। लिंग जैविक पहचान से संबंधित है, जबकि जेंडर सामाजिक पहचान पर आधारित है।

जेंडर मुद्दे

  • स्त्रियों की स्थिति: महिलाओं को अक्सर पुरुषों से कमतर देखा जाता है।
  • समान वेतन का मुद्दा: महिलाओं को समान कार्य के लिए समान वेतन नहीं मिलता।
  • गृहिणी की भूमिका: महिलाओं को केवल घर के कार्यों तक सीमित माना जाता है, जबकि वे आज अधिक आत्मनिर्भर हो रही हैं।

बालिकाओं की स्थिति सुधारने के लिए सरकारी प्रयास

भारत में बालिकाओं की स्थिति को सुधारने के लिए कई सरकारी योजनाएँ चलाई जा रही हैं, जैसे:

  1. कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय: यह योजना ग्रामीण क्षेत्रों में बालिकाओं को शिक्षा प्रदान करने के लिए बनाई गई है।
  2. बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना: इस योजना का उद्देश्य लड़कियों के लिंग अनुपात को संतुलित करना और उनकी शिक्षा को बढ़ावा देना है।

बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना

  • लॉन्च की तारीख: 22 जनवरी 2015।
  • लक्ष्य: लड़कियों के प्रति सामाजिक जागरूकता बढ़ाना और उनके अधिकारों की सुरक्षा करना।
  • सामाजिक अभियान: इस योजना के तहत सामाजिक आंदोलन और संचार अभियान चलाए जा रहे हैं।

कार्य के प्रति मनोवृत्तियाँ और दृष्टिकोण

व्यक्ति की संतोष या असंतोष की भावना उसकी मनोवृत्ति पर निर्भर करती है। यदि कोई व्यक्ति अपने वेतन या पद की तुलना अपने से ऊँचे पद पर बैठे व्यक्ति से करता है, तो उसमें असंतोष की भावना उत्पन्न हो सकती है। वहीं, यदि वह अपने से नीचे के पद पर काम कर रहे व्यक्ति से तुलना करता है, तो उसे संतोष का अनुभव होगा।

जीवन कौशल

जीवन कौशल वे क्षमताएँ हैं, जिन्हें व्यक्ति अनुकूल और सकारात्मक व्यवहार के लिए विकसित करता है। ये व्यक्ति को दैनिक जीवन की आवश्यकताओं को अच्छे तरीके से निपटने में सक्षम बनाते हैं।

Also Read:  खाद्य गुणवत्ता और खाद्य सुरक्षा – JAC Class 12 Home Science Chapter 6 Notes

आवश्यक जीवन कौशल

  1. स्व- जागरूकता: खुद को समझना और पहचानना।
  2. संप्रेक्षण: संचार कौशल विकसित करना।
  3. निर्णय लेना: सही निर्णय लेने की क्षमता।
  4. सृजनात्मक चिंतन: नए विचारों का विकास।
  5. मनोभावों से मुकाबला: भावनाओं को संभालने की क्षमता।
  6. तनाव प्रबंधन: तनाव को संभालना।
  7. समस्या समाधान: समस्याओं का समाधान करना।
  8. आलोचनात्मक चिंतन: तर्कसंगत विचार करना।
  9. हमदर्दी: दूसरों के प्रति सहानुभूति रखना।

कार्यस्थल पर आवश्यक कौशल

  1. उत्पादकता: कार्य की गुणवत्ता और मात्रा में सुधार।
  2. प्रभावी ढंग से सीखना: नए कौशल और ज्ञान को जल्दी सीखना।
  3. स्पष्ट संप्रेक्षण: विचारों और जानकारी को स्पष्ट रूप से व्यक्त करना।
  4. विवेचनात्मक और रचनात्मक सोच: समस्याओं को रचनात्मक ढंग से हल करना।

सुकार्यिकी (Ergonomics)

सुकार्यिकी वह विज्ञान है, जो व्यक्ति और उसके द्वारा उपयोग किए जाने वाले उपकरणों के बीच संबंध का अध्ययन करती है। इसका उद्देश्य कार्यस्थल को कुशल बनाना है, ताकि व्यक्ति को तनाव और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना न करना पड़े।

सुकार्यिकी के लाभ

  1. चोटों और दुर्घटनाओं में कमी: कार्यस्थल को सुरक्षित बनाना।
  2. उत्पादकता में वृद्धि: कार्य के दौरान अधिक कुशलता।
  3. दक्षता में वृद्धि: दोबारा कार्य करने की आवश्यकता कम करना।
  4. स्वास्थ्य में सुधार: कर्मचारी के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य में वृद्धि।

उद्यमिता (Entrepreneurship)

उद्यमिता का अर्थ है अपना नया व्यवसाय शुरू करना। एक उद्यमी व्यक्ति वह होता है, जो नए विचार को वास्तविकता का रूप देने का जोखिम उठाता है। उद्यम

िता केवल लाभ कमाने के लिए नहीं, बल्कि सामाजिक समस्याओं का समाधान निकालने के लिए भी महत्वपूर्ण है।

उद्यमिता के लक्षण

  1. कड़ी मेहनत की इच्छा: उद्यमी हमेशा मेहनत करने के लिए तत्पर रहते हैं।
  2. जोखिम उठाने की क्षमता: नए विचारों के लिए जोखिम उठाना आवश्यक है।
  3. योजना बनाने का ज्ञान: सफल व्यवसाय के लिए सही योजना बनाना।
  4. संकट का सामना: कठिनाईयों का सामना करने की क्षमता।
  5. अच्छे संप्रेषण कौशल: दूसरों के साथ संवाद स्थापित करने की क्षमता।

निष्कर्ष

“कार्य, आजीविका तथा जीविका” अध्याय न केवल छात्रों को अपने भविष्य के प्रति जागरूक करता है, बल्कि उन्हें जीवन के विभिन्न पहलुओं पर विचार करने के लिए भी प्रेरित करता है। यह अध्याय यह भी स्पष्ट करता है कि कार्य का उद्देश्य केवल धन कमाना नहीं है, बल्कि यह आत्मनिर्भरता, समाज में पहचान, और व्यक्तिगत संतोष का भी एक महत्वपूर्ण माध्यम है। इस अध्याय के माध्यम से, छात्र समाज में अपनी भूमिका और जिम्मेदारियों को समझने में सक्षम होंगे और अपने लिए एक सफल करियर की दिशा में कदम बढ़ा सकेंगे।

Leave a Comment